जोखिम प्रतिशत इस तरह से काम करता है। बंदा अपनी मर्जी से अपनी सोच समझ कर काम करता है। अपने जहान में ये रखता है की मुझे अपने बैलेंस प्रति कितना मार्जिन चाहिए और कितने हमारा लाभ हो हमारे हर बच्चे को सोच समझ कर उसके खराब प्रतिशत तय करता है कि जाति है। जितना बैलेंस अकाउंट में मजूद होता है उसे देना में रख कर फैसला करता है के जोखिम प्रतिशत कितना होना चाहिए