बाज़ारों को आदेश नहीं दिया जा सकता।
अब बाज़ार की आँखें खुल गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप ऐसे राष्ट्रपति नहीं हैं जो अन्य देशों की ओर से टैरिफ में कटौती के जवाब में अपने टैरिफ कम कर दें। व्हाइट हाउस में बैठे नेता का इरादा शर्तें थोपने का है—या तो उनकी मांगें मानो या अमेरिकी बाज़ार छोड़ दो। S&P 500 को अब यह समझ आ गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति कभी भी अपना रुख बदल सकते हैं, और यह सारी बातचीत ताक़त की धमकी के साए में हो रही है। ऐसे हालात में सफलता की कितनी संभावना है? लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में ब्रॉड स्टॉक इंडेक्स की गिरावट गहरी शंका को दर्शाती है।
गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अमेरिकी शेयरों का वर्तमान मूल्यांकन S&P 500 में लंबी अवधि की तेजी की बहुत कम गुंजाइश छोड़ता है। जेपी मॉर्गन का कहना है कि बाज़ार में झटकों के समय अमेरिका द्वारा जारी संपत्तियाँ सुरक्षित विकल्प नहीं हैं। HSBC ने गंभीर बुनियादी हालातों को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है। 2024 के बाद से सबसे लंबी जीत की लहर के बावजूद, ब्रॉड स्टॉक इंडेक्स अभी भी अपने यूरोपीय समकक्षों से पिछड़ रहा है। हालांकि, जर्मनी में राजनीतिक संकट इस ताक़त के संतुलन को बदल सकता है।
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*यहां पर लिखा गया बाजार विश्लेषण आपकी जागरूकता बढ़ाने के लिए किया है, लेकिन व्यापार करने के लिए निर्देश देने के लिए नहीं |